Government Employee Commits Suicide in Tonk: राजस्थान (Rajasthan) के टोंक जिले के नगरफोर्ट थाना क्षेत्र में कर्ज से परेशान एक सरकारी कर्मचारी ने सोमवार रात आत्महत्या (Suicide) कर ली. भाजपा (BJP) ने कर्मचारी की आत्महत्या को रीट पेपर लीक मामले (REET Paper Leak Case) से जोड़ा है. विधानसभा में प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ (Rajendra Rathore) ने दावा किया कि सत्ता के संरक्षण में रीट पेपर लीक प्रकरण में व्यापक स्तर हुए भ्रष्टाचार ने टोंक निवासी लोकेश मीणा (Lokesh Meena) की जान ले ली है जिसकी दोषी सिर्फ गहलोत सरकार है. सुसाइड नोट में मृतक युवक ने बाड़मेर (Barmer) और जयपुर (Jaipur) के 2 बड़े पेपर माफिया से 40 लाख रुपये में प्रश्न पत्र खरीदने की बात कही है. जबकि, पुलिस ने वित्तीय लेनदेन का ब्यौरा देने से इनकार करते हुए कहा कि सभी कारणों की जांच चल रही है.
11 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज
पुलिस ने बताया कि जान देने वाला कर्मचारी सार्वजनिक निर्माण विभाग बूंदी के नैनवां में कनिष्ठ सहायक के पद पर कार्यरत था और 2 साल से हिंडौली में प्रतिनियुक्ति पर था. इस संबंध में मृतक के पिता की ओर से 11 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया गया है. दर्ज शिकायत के आधार पर नामजद लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच की जा रही है.
गहलोत सरकार पर बरसी भाजपा
राजेंद्र राठौड़ ने ट्वीट कर कहा कि, ”मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कल ही रीट लेवल-2 की परीक्षा रद्द की है. इससे लाखों रुपये में पेपर खरीदने वाले युवा खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं. ना जाने अभी कितने और युवा ऐसा कदम उठाने को मजबूर होंगे.”
CM @ashokgehlot51 जी ने कल ही रीट लेवल-2 की परीक्षा रद्द की है जिससे भ्रष्ट सरकारी सिस्टम के शिकार हुए युवा जिन्होंने लाखों रुपये में पेपर खरीदा है,अब स्वयं को ठगा हुआ महसूस कर रहे है। ना जाने अभी कितने और युवा ऐसा कदम उठाने को मजबूर होंगे। यह आत्महत्या सरकार के माथे पर कलंक है।
— Rajendra Rathore (@Rajendra4BJP) February 8, 2022
एफआईआर में रीट पेपर मामले का जिक्र नहीं
मामले को लेकर टोंक पुलिस अधीक्षक मनीष त्रिपाठी ने कहा कि मृतक के पिता की तरफ से दर्ज कराई गई एफआईआर में रीट के पेपर का कोई जिक्र नहीं हैं. उन्होंने कहा कि जांच सभी दिशाओं में चल रही है. एसओजी मामले की जांच कर रही है. मामलें में कई लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
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