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Maharshtra Rain And Flood: महाराष्ट्र में बारिश (Maharashtra Rain) और उसकी वजह से आई बाढ़ (Maharashtra Flood) ने भारी तबाही मचाई है. किसानों (Maharashtra Farmers) के खेत पानी में डूबे हैं, फसलें नष्ट हो गई हैं. किसान आत्महत्या (Farmers Suicide) करने को मजबूर हैं. इस बार बारिश ने किसानों को भारी नुकसान पहुंचाया है. किसानों की आत्महत्या का मामला बढ़ता जा रहा है. फसलों (Crop Damage) को हुए नुकसान के बाद किसानों को सरकारी मदद (Maharashtra Government) की दरकरार होती है, लेकिन जब से मानसून (Monsoon) आया है और बारिश-बाढ़ ने तबाही मचाई है. महाराष्ट्र की सरकार को सिर्फ दो ही लोग चला रहा है. ऐसे में भारी तबाही झेल रहे महाराष्ट्र के किसान पूछ रहे हैं कि आखिर किससे मदद की गुहार लगायें.
बारिश-बाढ़ से 110 लोगों और 218 जानवरों की मौत
महाराष्ट्र डिजास्टर मैनेजमेंट की तरफ से जारी आंकड़ो के मुताबिक, 1 जून से लेकर 27 जुलाई 2022 तक, प्राकृतिक आपदा जैसे तेज बारिश, बिजली गिरने की घटना, लैंड स्लाइड, पेड़ गिरने , घर गिरने और बाढ़ की वजह से महाराष्ट्र में अब तक 110 लोगों की जान जा चुकी है और 218 जानवरों की मौत हुई है. इसके साथ ही सिर्फ एक महीने में महाराष्ट्र में करीब 90 किसानों ने आत्महत्या की है, जिसमें सिर्फ मराठवाड़ा में करीब 46 किसानों ने अपनी जान दे दी है.
बारिश-बाढ़ से कहां-कितना नुकसान हुआ, जानिए
-सरकारी आंकड़ों के मुताबिक सिर्फ मराठवाड़ा में बारिश और प्राकृतिक आपदा की वजह से अबतक कुल 45 लोगों की और 449 जानवरों की मौत हुई है और 378866 हेक्टेयर भूमि पर फसलों को नुकसान पहुंचा है. इस आपदा से 234809 किसान प्रभावित हुए हैं और 515 किसानों ने पिछले 6 महीनों में आत्महत्या की है.
-आंकड़ों के मुताबिक उत्तर महाराष्ट्र के नासिक जिले में किसानों का सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है. यहां 26 लाख 80 हजार हेक्टर में खरीफ की फसल लगायी जाती है, जिसमें से 21 लाख 34 हजार हेक्टर में फसल की बुआई हो चुकी थी. जिसमें बारिश की वजह से फसलों के डूब जाने से किसानों का भारी नुकसान हुआ है. जिले में 330 गांव के करीब 7 हजार से ज्यादा किसानों की खेती को नुकसान हुआ है.
-हिंगोली में बारिश की वजह से 76 हजार हेक्टर खेती में बोई हुई फसल बर्बाद हो गयी है. किसानों का हाल बेहाल, 188 जानवरों की मौत हुई है. हिंगोली जिले के कौठा गांव के किसान पंडित खराटे ने 10 एकड़ की खेती में 6 एकड़ में सोयाबीन की फसल के लिए करीब 70 हजार खर्च करके बीज डाले थे. लेकिन खेत के पास में बहने वाली आसना नदी की बाढ़ ने पूरी खेती को बर्बाद कर दिया .
जिले के किसान विष्णुराजे इंगोले ने बताया कि बारिश की वजह से गन्ने की खेती बर्बाद हो गई है और करीब ढाई लाख का नुकसान हुआ है.
-नांदेड़ में 728.40 मिलीमीटर मूसलाधार बारिश हुई, जिससे बाढ़ आ गई और बाढ़ की चपेट में 3 लाख हेक्टर लागत की फसल बर्बाद हो गयी . किसानों का भारी मात्रा में नुकसान हुआ है. नांदेड जिले के सेलगांव ग्राम के किसान, मुंजाजी राजेगोरे का सात लोगों का परिवार है . तीन बेटियों का ब्याह होना बाकी है और दो बेटे पढ़ रहे हैं. साढ़े तीन एकड़ जमीन में एक लाख की लागत से कपास की खेती की थी जो बारिश में बर्बाद हो गयी है, अब उनके सामने परिवार चलाने की परेशानी है.
-आकोला जिले के सोमठाणा गांव के किसान संतोष दुतोंडे ने बताया कि सात एकड़ में सोयाबीन की बुआई की थी , तेज बारिश हुई और सात दिनों तक बारिश का पानी खेतों में ही भरा रहा. अब फसलों को हुई भारी नुकसान का डर सता रहा है.
-यवतमाल में लगातार 15 दिनों से तेज होती रही बारिश ने करीब ढाई लाख हेक्टर फसल को बर्बाद कर दिया है. जिले के सुकली गांव के किसान मोहम्मद भातनासे ने सात एकड़ के अपने खेतों में अपने सोयाबीन, तूर दाल और कपास की खेती की थी लेकिन बारिश ने सब बर्बाद कर दिया. अब उनके सामने परिवार चलाने की मुश्किल खड़ी हो गयी है. यवतमाल जिले में करीब साढ़े चार लाख से ज्यादा किसान हैं जो कर्ज लेकर खरीफ की फसल की बुआई करते हैं लेकिन इस बारिश ने सबको बर्बाद कर दिया है.
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